बिलासपुर में नशा मुक्ति के लिए "प्रहार" अभियान की शुरुआत प्रथम अप्रैल से
गुंजन संस्था एवं अदानी फाउंडेशन ग्रुप के सहयोग से चलाया जाएगा व्यापक जनजागरण अभियान
बिलासपुर
जिला प्रशासन, अदानी फाउंडेशन ग्रुप और गुंजन संस्था के संयुक्त प्रयास से 1 अप्रैल से "प्रहार" अभियान की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य जिले को नशामुक्त बनाना और समाज को इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक करना है। इस संबंध में उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने मंगलवार को बचत भवन में आयोजित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विस्तृत जानकारी दी।
उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में नशा एक ज्वलंत सामाजिक समस्या बन चुका है, जिससे विशेष रूप से युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिले को नशामुक्त बनाने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए आगे आना होगा। प्रशासन इस दिशा में विभिन्न विभागों और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से लगातार कार्य कर रहा है ताकि नशे की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
उन्होंने बताया कि नशे के दुष्प्रभावों को लेकर युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में विशेष प्रयास किए जाएंगे। इस कड़ी में "प्रहार" अभियान 1 अप्रैल से शुरू होकर पूरे जिले में एक वर्ष तक चलेगा। इसे जमीनी स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक विभाग से "प्रहरी" नियुक्त किए जाएंगे, जो अभियान को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। इस अभियान के तहत गुंजन संस्था द्वारा एक मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसके अनुसार शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों और कॉलेजों में बनाए गए क्लबों को सक्रिय किया जाए।
इसके अतिरिक्त, उपायुक्त ने यह भी बताया कि शैक्षणिक संस्थानों की 100 मीटर की परिधि में नशीले पदार्थों की बिक्री पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए उप-मंडल स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में विशेष समितियाँ गठित की जाएंगी। इसके अलावा, वॉलंटियर्स भी नियुक्त किए जाएंगे, जो फील्ड में जाकर नशे से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे।
नशे से जुड़ी इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए जिले में आयोजित होने वाले मेलों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस क्रम में राज्य स्तरीय नलवाड़ी मेले के दौरान एक विशेष प्रदर्शनी स्टॉल लगाया जाएगा, जिससे लोग नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत हो सकें।
उन्होंने बताया कि नशे की लत से पीड़ित लोगों के इलाज और पुनर्वास के लिए जिले में एक नशा मुक्ति केंद्र (De-Addiction Center) स्थापित किया जा रहा है। इस केंद्र में नशा पीड़ितों को आवश्यक उपचार और पुनर्वास सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
बैठक में विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों, बुद्धिजीवियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे। इस अवसर पर एएसपी शिव चौधरी, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, अदानी ग्रुप के हितेश कपूर, नगर परिषद अध्यक्ष सतपाल वर्धन, घुमारवीं नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल, विभिन्न विभागों के अधिकारी और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।