
प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष पद पांडव-कौरवों की लड़ाई बन गया… संदीप सांख्यान
बिलासपुर ब्यूरो
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने भाजपा और विपक्ष पर कड़ा राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि धड़ों से टुकड़ों में बटती भाजपा की लड़ाई सड़क पर आने वाली है। जनता ने जिन्हें विपक्ष की भूमिका निभाने का जमा दिया वह स्वयं एक दूसरे का विपक्ष बनकर जनता का पक्ष ही भूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद कौरव, पांडवों की लड़ाई की तरह बन गया है। जिसके अंदर 2027 के चुनाव टिकट आवंटन द्रोपती चीरहरण से काम नहीं है। और इस बंदर बांट मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की भूमिका क्या होगी उसको लेकर गली मोहल्ले में भी कयास लगाए जा रहे हैं। गुजरात लॉबी से चलने वाली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के दावेदारों ने इतने टायर हिमाचल में चलकर नहीं घिसे होंगे, जितने दिल्ली के चक्कर मार कर घिस चुके हैं और अपनी राजनीतिक कुंठाओ की भड़ास निकालने के लिए प्रतिदिन प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आर्थिक कुप्रबंधन की टिप्पणियां करने वाली भाजपा अपने प्रबंधन पर चिंता करने वालों से परेशान है। भाजपा के भीतर प्रतिस्पर्धा इतनी हो गई है कि अगर एक दिन यदि भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है तो अगले दिन नेता प्रतिपक्ष पत्रकार वार्ता करता है होड़ दोनों में यही लगी हुई है कि दिल्ली दरबार के किसकी हाजरी ज्यादा लगती है, लेकिन दोनों ही अपने संगठन की उपलब्धियां बताने में असमर्थ है और एक दूसरे का नाम लेने में असहज भी हो जाते हैं। एक दिन एक धड़े का नेता बोलता है तो दूसरे दिन दूसरे धडे का नेता, केंद्र का विश्वास प्रदेश की राजनीतिक व्यवस्था पर खत्म हो चुका है। उन्हें अपनी उपलब्धियां गिनवाने के लिए केंद्र से प्रवक्ताओं और नेताओं को भेजना पड़ रहा है। टुकड़ों में बटी हुई भाजपा आपस में एक मंच पर इकट्ठे बैठने के की स्थिति में भी नहीं बची है। मीडिया पर निरंतरण की प्रतिस्पर्धा से लेकर मंडल जिला यहां तक के बूथ तक पार्टी टुकड़ों में बटी हुई है। कांग्रेस से गए नेता भाजपा मैं एक नया सर दर्द बन गए हैं और अक्सर भाजपा के लोग कहते पाए जाते हैं जिसकी चलती उसकी क्या गलती। आने वाले दिनों में हिमाचल में होली से अधिक रंग भाजपा में देखेंगे, यही सत्य भी है।