
गुरु रविदास की जयंती पर सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।त्रिलोक जमवाल
बिलासपुर ब्यूरो
सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि गुरु रविदास की शिक्षाएं हमेशा प्रासंगिक रहेंगी। महान गुरु होने के साथ ही संत रविदास महान समाज सुधारक भी थे। भारत समेत पूरे विश्व को आपसी भाईचारे का पाठ पढ़ाने के साथ ही उन्होंने लोगों को पाखंड से दूर रहने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने पूरे विश्व के लिए सरल और साधारण शब्दों में जीवन का ज्ञान दिया है। गुरु रविदास की जयंती पर सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।
बुधवार को संत शिरोमणी गुरु रविदास जी महाराज की 648वीं जयंती के उपलक्ष्य मंे शहर के रौड़ा सेक्टर स्थित रविदास मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में त्रिलोक जमवाल ने कहा कि गुरु रविदास ने एक चर्मकार के घर में जन्म लिया था। काशी की पवित्र नगरी में काम करते हुए अपने अद्वितीय गुणों से वह भारत समेत पूरे विश्व के मार्गदर्शक बने। ‘मन चंगा-कठौती में गंगा’ कहावत को उन्होंने जीवन में भी चरितार्थ करके दिखाया। पांखडवाद से बचने के लिए जागरूकता की अलख जगाते हुए उन्होंने समरसता का पाठ पढ़ाया। मीरा बाई ने भी उन्हें अपना गुरु धारण किया था। उनके सभी भजनों में गुरु रविदास का जिक्र है।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि गुरु रविदास ने धर्म, जाति या किसी अन्य आधार पर भेदभाव करने के बजाए हर व्यक्ति के लिए अन्न की लड़ाई लड़ने को वरीयता दी। समाज में बिखराव को रोककर उन्होंने सभी को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास किया। मानव अधिकारों और समानता के महत्व के बारे में उनकी शिक्षाओं और उपदेशों ने लोगों का दृष्टिकोण बदलकर उन्हें जीवन में सही रास्ते पर लाने में अहम भूमिका निभाई। यही वजह है कि मानवता को सर्वोपरि मानने वाले गुरु रविदास को हर धर्म हर जाति के लोग मानते हैं। उनके अनमोल वचन जीवन जीने का सही मार्ग बताते हैं। सभी को उनके आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।