
बिलासपुर जिले में वर्ष 2025-26 के लिए 1417.20 करोड़ के ऋण आबंटन की संभावना
बिलासपुर
बिलासपुर जिले के विकास और वित्तीय विस्तार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिला मुख्यालय के बचत भवन में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक का आयोजन नाबार्ड द्वारा किया गया, जिसकी अध्यक्षता एडीसी डॉ. निधि पटेल ने की। इस बैठक के दौरान, डॉ. निधि पटेल ने बिलासपुर जिले के लिए वर्ष 2025-26 के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का शुभारंभ किया। यह योजना नाबार्ड द्वारा तैयार की गई है और इसमें प्राथमिकता क्षेत्र ऋण कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमता का आकलन किया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), तथा सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में वित्तीय सहायता बढ़ाकर बिलासपुर जिले में सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। वर्ष 2025-26 के लिए बिलासपुर जिले में ऋण क्षमता का मूल्यांकन 1417.20 करोड़ रुपए किया गया है, जिसमें कृषि क्षेत्र के लिए 570.02 करोड़ रुपए, एमएसएमई के लिए ₹703.76 करोड़ रुपए, और अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों जैसे शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, और सामाजिक अवसंरचना के लिए 143.42 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
इस योजना के तहत क्षेत्र-विशिष्ट अवसंरचना अंतरालों की पहचान की गई है, और राज्य सरकार तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में उपलब्ध क्षमता का अधिकतम उपयोग करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेपों पर जोर दिया गया है। पीएलपी योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने तथा सभी हितधारकों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में उत्प्रेरक का कार्य करेगी।
पीएलपी में उल्लिखित ऋण अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों, राष्ट्रीय और राज्य प्राथमिकताओं, तथा अवसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से सृजित अतिरिक्त क्षमता को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं। इसमें निवेश ऋण के माध्यम से दीर्घकालिक परिसंपत्तियों का निर्माण सुनिश्चित किया गया है, जो अल्पकालिक ऋण की स्थिरता को भी बढ़ावा देगा। इस प्रकार, यह योजना बैंकों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पूरी क्षमता का दोहन करने और ऋण गतिविधियों को तीव्रता से बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
कार्यक्रम के दौरान, एडीसी डॉ. निधि पटेल ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से इस दस्तावेज का लाभ उठाने और जिले के ऋण और विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने विभागों और बैंकों से व्यवहार्य परियोजनाओं की पहचान करने और किसानों तथा उद्यमियों को केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने की सलाह दी। इस अवसर पर डीडीएम-नाबार्ड, अग्रणी जिला प्रबंधक, जिला योजना अधिकारी, विभागीय अधिकारी और प्रमुख बैंकर भी मौजूद थे।